दिशा भ्रम
अपनेआप और अपनों से प्रेम चन्द्रप्राल जी को दिल का दौरा पड़ता है और वो गिर जाते हैं ! थोड़ी
Read Moreएक समृद्ध व्यापारी था जिसकी 4 पत्नियां थीं। वह चौथी पत्नी से सबसे ज्यादा प्यार करता था और उसे समृद्ध
Read Moreएक बड़े शहर की पॉश कॉलोनी में बनवारी नाम का सब्जी वाला लगातार सब्जियां भेजने के लिए एक आता था।
Read Moreआज रीता को समझ ही नहीं आ रहा था, कि सबको अपना मुंह कैसे दिखाए. अफसोस की शिकन उसके चेहरे
Read More”मैं प्यास हूं.” अकेलापन मेरा साथ कभी छोड़ता नहीं था, भीड़ में भी हमेशा मेरे साथ रहता है, वह तो
Read Moreजो दुनिया मेंआया है उसे जाना ही है, यह नियम अटल है. उसकी भी सांसें उखड़ रही थीं. बुझने से
Read More“अरे देखकर नही चलता !अन्धा है कया ?” क्या कहाँ तूने?”अरे अन्धा होगा तेरा बाप ! “चल गाड़ी से निकल
Read Moreलगभग दो महीने से मणिका ब्राउन और ग्रीन प्यालों में चाय बना रही है. दोनों प्यालों में वह बराबर दूध
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