माँ का सौदा
“ये विधर्मी गाय माता का माँस खा रहे हैं, तो हम क्या चुप बैठेंगे? जो हमारे लिये पूज्यनीय है उसकी
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Read Moreहरबिलास और बहादुर की दोस्ती तो बचपन से ही गहरी थी लेकिन उनके विचारों में जमीन आसमान का अंतर था।
Read Moreवो चारों यूं तो अलग-अलग सम्प्रदायों से थे, लेकिन उन्हें सिखाया गया था कि उनका धर्म लोगों को मारना-काटना ही
Read More“माँ… ओ री माँ… भिखारी किसे कहते हैं?” रज़िया पटरी के किनारे पर बैठकर इधर-उधर चलती गाड़ियों की ओर देख
Read Moreसाँझ के धुंधलके में.. “ध्यान-पूजा” माँ को मुझसे ज्यादा भैया से लगाव था। किन्तु भाभी ने माँ से कभी ताल-मेल
Read Moreलघुकथा- गुरु “जो गुरु बच्चे को बेरहमी से मारे वह गुरु नफरत के लायक है,” कहते ही रवि ने उस
Read Moreबदामी रंग का पयजामा सूट जो मैंने मार्क्स ऐंड स्पैंसर से लिया था पहन कर मैं बिस्तर में लेट गिया
Read Moreबाल विवाह का दंश झेल कर युवा हुई किरण, जीवन के दोराहे पर खड़ी थी। पति ने बचपन में हुए विवाह
Read Moreकाबल एअरपोर्ट पर जब हम लैंड हुए तो देखा इर्द गिर्द सभी तरफ पहाड़ ही पहाड़ थे। यह पहाड़ तो
Read Moreउत्तराखंड की पहाड़ियों की गोद में बसा मंदिरों का नगर ऋषिकेश धार्मिक तीर्थ स्थल है . यहीं पर मोक्षदायिनी गंगा नदी
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