दाग़
‘देख न कमली ..मेरे सलवार पर कुछ दाग लग गया है’, पहली बार माहवारी आने पर बालिका विद्यालय में पढ़
Read Moreएक बालक प्रतिदिन अपने विद्यालय पढ़ने जाता था | उसके घर में अपने बेेटे पर प्राण न्योछावर करनेवाली एक प्यारी और सरल
Read Moreदोनों भक्त मंदिर प्रांगण में खड़े थे. पहला कुछ देर तक मंदिर की भव्यता और मूर्ति की सौम्यता को निहारने
Read Moreलाला धनीराम कलुआ को अंतिम चेतावनी देते हुए बोला ,” देख कलुआ ! तुझे मैं एक मौका और दे सकता
Read Moreमहानगर में बसा मुकेश अपनी रोजमर्रा के जीवन में इतना व्यस्त रहता कि उसे साँस लेने की फुरसत ही नहीं
Read Moreआज बहुत समय बाद वह आराम से सोई है. उसका मन शांत व मस्तिष्क तनाव रहित हो गए थे. निद्रा
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