लघुकथा – फटा ब्लाउज
“बहू,सुई में धागा डाल दोगी क्या?” सत्तर बरस की बूढ़ी सास ने बहू से कहा। “ओह!अभी आपको इस उम्र में
Read More“बहू,सुई में धागा डाल दोगी क्या?” सत्तर बरस की बूढ़ी सास ने बहू से कहा। “ओह!अभी आपको इस उम्र में
Read More“का है रे छुटकी ? सबेरे सबेरे काहें बछिया के पीछे पड़ी है ?” “अरे अम्मा ! हम सुने हैं
Read Moreजब से टिंकू ने पुरानी फिल्म “मदर इंडिया” का गाना “गाड़ी वाले गाड़ी धीरे हाँक रे” सुना, वह तो बैलगाड़ी
Read Moreआज मुझे “अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता” के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था. हर्ष मिश्रित आश्चर्य के साथ पुरस्कार
Read More“बचाओ, बचाओ, बचाओ…” रिंकू चिल्लाने लगा. “क्या हुआ बेटे?” मम्मी ने सोये हुए रिंकू को हिलाते हुए पूछा. “कुछ नहीं!”
Read More“यहॉंतो बस हम दोनों है, क्या होली मनाये?” नैना ने अनमने ढंग से दीपक से कहा । “देखो नैना मैं मानता
Read Moreराज के रोजाना दफ्तर जाते वक्त उसकी माँ जानकी बस उससे तीन प्रश्न पूछती थी। कभी कभी राज अपनी माँ
Read More“तेरी इतनी अच्छी लघुकथाओं को न लाइक मिलते हैं और न ही वाहवाही भरे कमेंट! फिर भी तू खुश रहता
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