लघुकथा

डायरी का आखिरी पन्ना

आज मुझे “अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता” के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था. हर्ष मिश्रित आश्चर्य के साथ पुरस्कार लेने जा रहा था, लेकिन मेरे मन का पंछी अतीत के झरोखे में विचरण करने लगा.
बहुत बड़ी लॉटरी लगी थी मेरी और मैं बचपन से संजोए स्वप्न को साकार करने विश्व-भ्रमण पर निकल पड़ा था.
“आइसलैंड देश की युवती के साथ लग्न करने पर महीने 3 लाख पगार की सरकारी नौकरी और आइसलैंड देश की नागरिकता मुफ्त मिलती है.”
ऐसा सुना-पढ़ा था लेकिन हकीकत में, ऐसा कुछ भी नहीं है, मैंने अपनी डायरी में लिखा.
“Everything Men Know About Women” यह एक ऐसी किताब है जिसमें 100 से ज्यादा पेज खाली हैं.”
यानी नारी पहेली है और पहेली ही रहेगी. इंडोनेशिया से मेरी डायरी का अगला पेज था.
“दुबई में मकान के अंदर ही नहीं, बस स्टैंड के अंदर भी Ac लगी होती है.”
मेरी डायरी बोल रही थी.
“भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने क्रिकेट में 60 ओवर और 50 ओवर दोनों में विश्व कप जीता है.”
कमाल यह है कि अपने देश का यह तथ्य मुझे अमेरिका में जाकर जानने को मिला.
“भारत में सबसे प्रसिद्ध जगह मारवन है जो Maravan the road 34 km udupi दूर है. इसकी ख़ासियत यह है कि सड़क का एक किनारा समुद्र है और दूसरी ओर नदी बहती है.”
ऑस्ट्रेलिया के “लेह हिलियर” एक तालाब को देखकर, जिसके अंदर गुलाबी पानी देखने को मिलता है. मुझे अपने देश की ख़ासियत पर गर्व करने का सौभाग्य मिला.
“अकेले अमेज़ॅन के जंगल दुनिया का 20 प्रतिशत ऑक्सीजन प्रदान करता है.” अमेज़ॅन के जंगल पर लगी सूचिका पट्ट से मुझे ज्ञात हुआ. अब तक तो मैं “अमेज़ॅन के जंगल” को “हर समय कहीं-न-कहीं आग लगी होती है”, के तथ्य से जानता था. मेरी डायरी ने लिखा था.
“क्या आप जानते हैं कि ताले में एक छोटा सा छेद है? यह वास्तव में किसी भी तरह से ताला खोलने के लिए नहीं है, लेकिन जब ताला जाम हो जाता है और नमी और जंग से भर जाता है, तो उसमें तेल डालकर नमी और जंग को हटाने के लिए छेद प्रदान किया जाता है.” यह विचित्र तथ्य मुझे जाम्बिया में बने एक नए मित्र के हवाले से मिला, जो चाबी बनाने का काम करते थे.
जाने कैसे मेरी डायरी के ये अद्भुत तथ्य “अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता” के संचालकों के हाथ लग गए थे और मुझे इस सम्मानित सम्मान के लिए चयनित किया गया था.
बचपन से संजोए मेरे अद्भुत लक्ष्य ने दूसरे अद्भुत लक्ष्य के लिए आमंत्रण दे दिया था. मेरी डायरी के आखिरी पन्ने पर लिखा था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244