कहानी – तुम सिर्फ मेरी हो ‘मां’
ललन बचपन से ही बड़े भावुक और सरल किस्म का इंसान था। क्षण भर में ही भावुकता उसके दिल में
Read Moreललन बचपन से ही बड़े भावुक और सरल किस्म का इंसान था। क्षण भर में ही भावुकता उसके दिल में
Read Moreशान्ति स्थापित करने तथा स्वयं को सर्वश्रेष्ठ तथा सबसे शक्तिशाली सिद्ध करने की प्रबल इच्छा तथा प्रतिस्पर्धा में विश्व के
Read Moreप्यारी मां ! आज तुम्हारी बहुत याद आ रही है।कैसी हो? ये पूछना अब
Read Moreहर महीने की सात तारीख को हमारी मासिक गोष्ठी होती थी । उस दिन हमारे उच्चाधिकारी हमें विभागीय सूचनाएं देते
Read More“हैप्पी मदर्स डे, मॉम!” ट्विंकल ने माँ के गले में सोने का लॉकेट पहनाते हुए कहा। लॉकेट पर अंग्रेज़ी में
Read More“क्या हुआ निखिल? इतनी दूर से क्या इशारा कर रहे हो। कुछ समझ नहीं आ रहा है।” ऐसा कहकर नंदिनी
Read Moreनंदिनी बहुत लापरवाह हो तुम।क्यों ऐसा करती हो? तुम लापरवाह हो या तुम्हारे घर वाले, मुझे कुछ समझ नहीं आता।
Read Moreआज वैसे ही मैं चक्कर मरने निकला तो बस स्टॉप पर एक सुंदर कन्या को खड़े देख मैं रुक सा
Read Moreउस दिन हीरालाल ने आशा को गोद में क्या उठाया, लगा उसने पारसनाथ पहाड़ को ही उठा लिया है और
Read More