पावस के सवैया
(1) मन को तन को,नव जीवन दे,बरसात बहार सुहावन है। जब नीर हमें सबको सुख दे,तब गीत जगे मनभावन है।
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Read Moreतलवार से भी तेज, जीभ कटार की धार, अस्त्र जैसी चुभन से, दिल न दुखाइये।। वाणी रसाल, मधुर, वीणा-सी स्वर
Read More(1) करना मत तुम भेद अब,बेटा-बेटी एक। बेटी प्रति यदि हेयता,वह बंदा नहिं नेक।। वह बंदा नहिं नेक,करे दुर्गुण को
Read Moreअंधियारी ज़िंदगी में नूर बनकर आ गयी, हर ग़ज़ल के शेर में मशहूर बनकर छा गयी। बिन तुम्हारे ज़िंदगी में
Read Moreभायी गुरुवर दिव्यता,तुम तो हो भगवान। तुमने दिया विवेक तो,हुआ सत्य का भान। हुआ सत्य का भान,नहीं तो मैं मिट
Read Moreकहीं किलकार तो सवार है बुखार कहीं, हाहाकार बाढ़ का शिकार दस्तकार है। रंगदार पानी का प्रहार पानीदार कहीं, लिए
Read Moreहरियाली रच बस गई ,सावन में हर ओर ,बरखा आई झूम के ,पवन मचाए शोर ,पवन मचाए शोर ,मेघजी गरजें
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