ग़ज़ल
देखकर रुख़ निबाह में क्या हैझूठ की आह-वाह में क्या है लोग भी दे रहे मुझे क्या-क्यायार ख़ाली सलाह में
Read Moreदिल पर चाहतों का वो असर मुझ सा नहीं होगा मिलेंगे लाख तुमको कोई मगर मुझ सा नहीं होगा भले
Read Moreन कहना अलविदा ,इस बीते साल को याराकोसना कभी नहीं दिल से बदहाल को यारा जो बीत गया उस को
Read Moreमुमकिन है कि वह कहीं देख ले मुझको।उसकी गली में उसी का पता पूछ रहा हूं ।जानता हूं मैं हथेली
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