ग़ज़ल
हाल-ए-दिल सबको सुनाने की ज़रूरत क्या हैअश्क सरेआम बहाने की ज़रूरत क्या है ताल्लुक बोझ लगता हो तो आओ तोड़
Read Moreशाम सवेरे आती थी वह चिड़िया किधर गई। गीत खुशी के गाती थी वह चिड़िया किधर गई। गहरा अपनत्त्व बना
Read Moreयाद मुझकों मोहब्बत के वो ज़माने आए।आज हाथों में मेरे, ख़त वो तेरे पुराने आए |हम न होंगे तो फिर
Read Moreबिछड़ने का गम साफ़ था उसकी नज़रों में,मुझसे कह रहा था कि मैं बेक़रार थोड़ी हूं । तमाम उम्र मैंने
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