लगाकर दिल किसी से यूँ
लगा कर दिल किसी से यूँ मुकर जाना नही अच्छा। किसी को प्यार में इतना भी तडपाना नही अच्छा॥ किसी
Read Moreलगा कर दिल किसी से यूँ मुकर जाना नही अच्छा। किसी को प्यार में इतना भी तडपाना नही अच्छा॥ किसी
Read Moreदर्द पर गैरों के तुम मरहम लगाकर देखना। हो सके तो कर्म की दौलत ये पाकर देखना॥ जब दवा नाकाम
Read Moreअपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही साये में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें
Read Moreहमारे पास आना चाहिये था. उसे कुछ तो बताना चाहिये था. सही लगता वो चाहे चूक जाता, निशाना तो लगाना
Read Moreआज कलम चलने लगी है बेटी के अधिकार में, क्योंकि हार ज़माने की है हर बेटी की हार में, मैं
Read Moreखुल जाती है नित्य नींद एक, नया सबेरा लेकर अरमानों के विस्तर पर इक, नया बसेरा लेकर चल देते हैं
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