ग़ज़ल
दोस्ती यारी निभा कर चल दिए । बेवफा मुझको बता कर चल दिए । मुफलिसी का दौर भी अच्छा
Read Moreमात्रा भार – 24, 12-12 पर यति……….. देखों भी नजर उनकी, कहीं और लड़ी है सहरा सजाया जिसने, बहुत दूर
Read Moreरक्त का संचार है पर्यावरण साँस की रफ़्तार है पर्यावरण। फूल, फल या छाँव की ख्वाहिश अगर तो प्रकृति का
Read Moreशुबहात दिल में अपने सदा पालता रहा । शायद इसी के चलते मुझे टालता रहा ।। ना रास्ता मिला न
Read Moreकुछ इस तरह से हमने अपनी जिंदगी गुजारी है जीने की तमन्ना है न मौत हमको प्यारी है लाचारी का
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