विरहानल तन-मन झुलसाती
दुख से प्रीत लगी है ऐसी, पलभर दूर नहीं रह पाती ।रीत गए आँसू नयनों के, विरहानल तन- मन झुलसाती
Read Moreदुख से प्रीत लगी है ऐसी, पलभर दूर नहीं रह पाती ।रीत गए आँसू नयनों के, विरहानल तन- मन झुलसाती
Read Moreमैं दिव्य -सनातन- सत्य तत्व।मैं परमात्मा का अंश अमर।मुझसे है साँसों का प्रवाह।मेरी अनुभूति सहज सुंदर।मेरे समीप जो आता है,वह
Read Moreअब तो बूंद-बूंद के लिए भी तरस जाओगे,क्यों? नाहक बहाया लहू तुम पछताओगे।पहले से ही नाकारा हो रही थी ये
Read Moreसुना है की वो! आजकल हैं शहर मेंकहता है दिल की मुलाकात होगी,मिलेंगे दो नैना जो उनकी नयन सेतो संभव
Read Moreसंतुलन समझ गतिविधि विचार, की पूर्ण चाँदनी खिलती है |भावों के गहन सिंधु में तब,उत्ताल तरंगे उठती है | पाना
Read Moreजलवायु परिवर्तन से जनजीवन प्रभावित हुआ,यूँ कुदरती आपदाएं बढीं जीवन विखंडित हुआ।आकाशीय बिजली गिरने से हो रहीं खूब मौतें,खुले में
Read Moreकोई हार, कोई जीत नहीं है गले लगाकर, है ठुकराया, यह तो प्रेम की रीत नहीं है। प्रेम मिलन जब
Read Moreनहीं किसी से स्वयं डरो नहीं किसी से प्रेम की चाहत, नहीं किसी से प्रेम करो। नहीं किसी को कभी
Read Moreखुद ही, खुद से प्रेम करो। खुद ही, खुद को समय निकालो, खुद ही खुद के कष्ट हरो। नहीं, प्रेम
Read Moreसूरज आँखें दिखा रहा हैधरती से नाराज बड़ा। सिमट गई है छाँवपेड़ के पाँव तलेमुरझाए हैं गाँवतपन के दाँव चलेकंकड़
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