दोहे
आये थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास।कैसे जीवन में उगे, हास और परिहास।। बन्धन आवागमन का, नियम बना है
Read Moreगंगा, यमुना, सरस्वती, करती जीवन तार।संगम की हर बूंद में, मिलता शुभ संसार।। साधु-संत का मेला ये, लाए पुण्य विचार।हर
Read Moreपरख पारखी की खरी, चुन चुन करें बखान।कीचड़ से मोती चुने, हीरे के गुण जान।। खोट भरा कितना कहाँ, जाने
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