दोहे
गदहे जी भी हो गए ,थोड़े चतुर सयान,उल्लू जी का कर रहे ,ले पैसे सम्मान। —कछुए जी की जीत पर
Read Moreत्रेता युग सा लग रहा, अब सारा संसार , वैतरणी है ‘रामलला,’वही करेंगे पार।। मंदिर की स्थापना ,पूजन में है
Read Moreराम भक्त की धार हैं, राम जगत आधार।राम नाम से ही सदा, होती जय जयकार।। जगह-जगह पर इस धरा, है
Read Moreआततायीयों के सीने पर, साँप लोटने लगे, राम के काज सब, निर्विघ्न पूरे होने लगे। राम का अस्तित्व नही, जो
Read Moreनया हौसला धारकर, कर लें नया धमाल। अभिनंदित करना हमें, सचमुच में नव काल।। नवल चेतना संग ले, करें अग्र
Read Moreहर रंग इक मनुहार अपनी है ये जिन्दगी ,हालत से मजबूर ,पाओगे खुशियां यहाँ, पर ग़म से भरपूर। कैसे भी
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