युवाशक्ति के दोहे
युवाशक्ति को है नमन्, जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा, ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो
Read Moreयुवाशक्ति को है नमन्, जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा, ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो
Read Moreमानव मन में प्रीति की, बहे सदा रसधार। अँजुरी भर-भर पीजिए, अमिय नेह हर बार।। जब समरसता की बहे, सुरभित
Read Moreइतराता है चाँद तो, पा तुझ जैसा रूप। सच,तेरा मुखड़ा लगे, हर पल मुझे अनूप।। चाँद बहुत ही है मधुर,
Read Moreमिथ्या जग का एक ही,सच्चा मूलाधार। तेरा-मेरा कुछ नहीं,शिवमय सब संसार।। शिवमय इस संसार में,शाश्वत सात्विक कर्म। सीख यही देता
Read Moreतानाशाही से लुटी, बड़ी-बड़ी जागीर।जनमत के आगे नहीं, टिकती है शमशीर।१।—सुलभ सभी कुछ है यहाँ, दुर्लभ बिन तदवीर।कामचोर ही खोजते,
Read Moreमास फरवरी आ गया, बढ़ा सूर्य का ताप।उपवन में कलियाँ-सुमन, करते क्रिया-कलाप।।—पिघल रहे हैं ग्लेशियर, दरक रहे हैं शैल।नजर न
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