दोहे संघर्ष के
नौजवान लगता वही,रखता जो उत्साह । यदि तुम में गतिशीलता,तो निश्चित तुम शाह।। कभी नहीं जो हो शिथिल,उसको मिलती राह।
Read Moreनौजवान लगता वही,रखता जो उत्साह । यदि तुम में गतिशीलता,तो निश्चित तुम शाह।। कभी नहीं जो हो शिथिल,उसको मिलती राह।
Read Moreबहुत याद आओगे तुम प्यारे गुलशन। बहारों की बगिया खुश्बुओं के मधुबन। कभी भूल मत जाना प्यारी सी चितवन। माफ
Read Moreसुना दो मुझे दिल का वो पैगाम जो भी हो नहीं है गम मुझे अब चाहे नीलाम जो भी हो
Read Moreआम्र मंजरी की खुशबू से, सबका मन बौराया है, महका हुआ है तन-मन सारा जबसे बौर आया है। फगुनहटा की
Read Moreकि फिर यादों की बस्ती में जाना चाहता हूं मैं बहुत भटका
Read Moreहज़ार रिश्तों में बँधा आदमी भी , हर दिल से जुदा होता है । लाख पिरो ले वो धागे मोह
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