आस्था
जीवन की इस यज्ञ वेदी को सजा कर अपने तप से बिना किसी चाहना के पूर्ण समर्पित भाव से होम
Read Moreसृष्टि है संकट में हरित क्रांति लाना है हम इंसान की है भूमिका सबको व्रक्ष लगाना है पर्यावरण की रक्षा
Read Moreसिर्फ तुम और तुम्हारा वो अगणित प्रेम जानकार भी क्यों न जान पाया कभी आकाश में खिंचा हुआ वह दो
Read More16-14 पर यति, युग्म पंक्ति तुकांत और अंत में दो गुरु…….. कब तक होगा युद्ध तात जी, कबतक महि भारत
Read Moreज़ख्मी जूतों का अस्पताल उसमें बैठे हैं डॉ. रामजी लाल, ओ.पी.डी. सुबह नौ बजे से एक बजे तक, दोपहर एक
Read Moreहर व्यक्ति का एक औरा होता है, जिसे हम प्रभामंडल कहते हैं, इसी प्रभामंडल में उसके सभी गुण-अवगुण, निवास करते
Read Moreलगा ज़ोर का झटका है धीरे से भाई लूटो तो तनिक सलीके से बिना आग के उठता नहीं धुआँ
Read Moreसमुद्र के पानी की इक बूँद, अशुद्ध पानी की इक खारी बूँद, सूर्य की तपस सह कर, वाष्प का रूप
Read Moreलिव इन रिलेशन शिप नव आयातित प्यार विधा भारतीय संस्कृति से हटकर पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते कदम अलिखित समझौता न
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