संग तुम्हारे
उम्र की झोली से आज, कुछ हसीन लम्हें, चुरा लिये हमने ! तोड जमाने के बंधन सारे, संग तुम्हारे कुछ
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Read Moreआज गांवों में गाँव ये वीरान सा क्यूँ है हर सड़क पर शहर परेशान सा क्यूँ है जिन गलियों में
Read Moreवर्षो से तमन्ना लिए बैठी , अब करू बातें दिल की , मगर किसके साथ करू बातें जुबानी , यही
Read Moreबारिश के रंग , मुंबई के संग हर बार की तरह इस बार भी इंद्र देव मुंबई पर कुछ ज्यादा
Read Moreतेरे बिना चुप-चुप रहना अच्छा लगता है खामोशी से इक दर्द को सहना अच्छा लगता है । जिस हस्ती की
Read Moreप्रतिबिम्ब सूरज का प्रकट, पुलकित था दर्पण को किया; आलोक भर अद्भुत दिया, पर मूल ना देखा किया । है
Read More“हृदय तंतु सन्न हुए। कितने आक्षेप उत्पन्न हुए। प्रेम और संदेह एक साथ कैसे रहते? प्रेम-परीक्षा में इतने प्रश्न हुए।
Read Moreदोहा- चहुँ दिश फैला जिस तरह, अब फैशन का राज। उसको वैसा ही लिखूँ, मन में आया आज॥ लेकिन डरता
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