मनुर्भव
आदमी ही आदमी का काल क्यों बना है आज, आदमी से भेदभाव, मूर्खता निशानी है । स्वार्थपूर्ण भावना से विश्व
Read Moreआप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामना………… नववर्ष है नवहर्ष है नव सूरज की है लालिमा नवचेतना नवसाधना छाए
Read Moreआज हुई मुझे सत्य की पहचान ज्ञान हुआ मुझे पुरुषार्थ का मुक्ति का प्रकाश का। पहचान गयी मैं मिथ्या भ्रम
Read Moreनव वर्ष हमारा ऐसा हो— जीवन का हर पल सुखदायी हो, हर घर आँगन खुशियां छाईं हों , ममता का
Read Moreझील ऊपर से दिखती कितनी शांत पर क्या वाकई है वो इतनी शांत, कितने अक्स कितनी परछाईयां कितनी ज़िन्दगी कितनी
Read Moreसुनो नव वर्ष इस तरह से आना जीवन में सबके खुशियां लाना ! खोये रहते जो अंधेरों में हमेशा
Read Moreकुछ प्रेम लिख कुछ प्रीत लिख अनुराग की नव रीत लिख। इन धडकनों के स्वर के संग मनमीत मन का
Read Moreये जीवन लघु सरिता सा कभी छलका सा कभी रीता सा। कभी उदगारों के भाव विह्ल कभी सत्य सार्थक गीता
Read Moreकौन किसी की पीर सुने, सब पत्थर के इंसान यहां। रिश्ते नातें दौलत इनकी, दौलत ही भगवान यहां॥ भाव भावना
Read Moreसादर सुप्रभात मित्रों, वर्ष 2015 की शानदार विदाई और नव वर्ष का शुभ स्वागतम का समय है। एक कुण्डलिया आप
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