कविता

नव वर्ष 2016

नव वर्ष हमारा ऐसा हो
जीवन का हर पल सुखदायी हो,
हर घर आँगन खुशियां छाईं हों ,
ममता का आँचल फैला हो,
घर में बहारों का मेला हो,
हर बच्चा फूल के जैसा हो
नव वर्ष हमारा ऐसा हो
हर बड़े का घर में आदर हो ,
दिल प्यार भरा इक सागर हो,
हर कन्या देवी की मूरत हो,
खिली कली सी हर सूरत हो,
तन चमकते मोतियों जैसा हो
नव वर्ष हमारा ऐसा हो
जग में प्यार की ज्योति जलती हो,
हर दिल में सुप्रीत पनपती हो,
दिल में उमंग हो झूलों सी
फ़िज़ा में महक हो फूलों की
सुन्दर मुख चाँद के जैसा हो
नव वर्ष हमारा ऐसा हो
बच्चे झूलों पे झूलते हो
जैसे आकाश को चूमते हों
मन में रख कर इक नयी उमंग ,
जीवन में भर दें नित नयी तरंग
बच्चो से देश का उज्जवल हो भविष्य
बने  नागरिक देश के अति वशिष्ठ
ईमान से हर नौकरी और पेशा हो
नव वर्ष हमारा ऐसा हो
हर नेता देश का सेवक हो
आदर्श जीवन का प्रेरक हो
जनता की सेवा हो उसका कर्म
इस देश का मान हो उसका धर्म
भ्रष्टाचारी नेता  का स्थान हो
किसी सभा में उसका मान हो,
समाज सेवानिहित हर सन्देशा हो,
 नव वर्ष हमारा ऐसा हो
  ०१/०१/२०१६     — जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845