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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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जीवन का हर पल सुखदायी हो, |
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हर घर आँगन खुशियां छाईं हों , |
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ममता का आँचल फैला हो, |
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घर में बहारों का मेला हो, |
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हर बच्चा फूल के जैसा हो— |
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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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हर बड़े का घर में आदर हो , |
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दिल प्यार भरा इक सागर हो, |
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हर कन्या देवी की मूरत हो, |
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खिली कली सी हर सूरत हो, |
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तन चमकते मोतियों जैसा हो– |
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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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जग में प्यार की ज्योति जलती हो, |
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हर दिल में सुप्रीत पनपती हो, |
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दिल में उमंग हो झूलों सी |
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फ़िज़ा में महक हो फूलों की |
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सुन्दर मुख चाँद के जैसा हो |
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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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बच्चे झूलों पे झूलते हो |
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जैसे आकाश को चूमते हों |
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मन में रख कर इक नयी उमंग , |
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जीवन में भर दें नित नयी तरंग |
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बच्चो से देश का उज्जवल हो भविष्य |
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बने नागरिक देश के अति वशिष्ठ , |
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ईमान से हर नौकरी और पेशा हो |
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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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हर नेता देश का सेवक हो |
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आदर्श जीवन का प्रेरक हो |
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जनता की सेवा हो उसका कर्म |
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इस देश का मान हो उसका धर्म |
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भ्रष्टाचारी नेता का स्थान न हो |
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किसी सभा में उसका मान न हो, |
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‘समाज सेवा‘ निहित हर सन्देशा हो, |
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नव वर्ष हमारा ऐसा हो— |
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०१/०१/२०१६ — जय प्रकाश भाटिया |