पागल कौन?
मन लजा जाएजब देखे कोई उनकोचौक मेंएक किशोरनिर्वस्त्रफेरी लगा रहालोगों को कानाफूसी करते सूनापागल कह रहे थेपर क्यूँ पता नही?क्योंकि
Read Moreउसकी ख्वाहिशें नाचती हैं…रोज मेरे आंगन में उसके सपनों की बारात आती है..चांद धुंध कीओट में रहकर जैसे कुछसमय के
Read Moreआंसू और भूख कोजो नहीं समझता है,अपना हिस्सा खा कर भीऔरों का भी झपटता है,ढो रहे हैं इनको देश दे
Read Moreएक व्यक्ति मेरा चैन चुराए बैठा हैं,मेरे दिल की धड़कन बढ़ाये बैठा है,मै उससे कुछ कहूं तो कैसे कहूंवो कहता
Read Moreरात की चादर तले, स्क्रीन पर उठता है शोर,लाहौर की दीवारें काँपती हैं, ऐसा चलता है ज़ोर।धमाकों की छवियाँ, सीजीआई
Read Moreईमान को बेचकर कभीईमानदार नहीं बना जाता।दर्द देकर कभी किसी काहमदर्द नहीं बना जाता।इंसान को तोड़कर कभीइंसानियत का दावेदारनही बना
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