मैं हवा हूँ खुद ही बीमार हो गई
मैं हवा हूँ खुद ही बीमार हो गईजब से हर तरफ ज़हर की भरमार हो गईसुधरता कोई नहीं कचरा फैला
Read Moreमैं हवा हूँ खुद ही बीमार हो गईजब से हर तरफ ज़हर की भरमार हो गईसुधरता कोई नहीं कचरा फैला
Read Moreपुरानी बातें भूलने को कहते हो,अपने दिखाये झूले में झूलने को कहते हो,खुद भूल नहीं पा रहे हो,हमें सपने दिखा
Read Moreआ गया ऋतुराज बसंत।प्रकृति ने ली अंगड़ाई,खिल गया दिग दिगंत।। भाव नए जन्मे मन में,उल्लास भरा जीवन में।प्रकृति में नव
Read Moreवो चिल्ला चिल्ला बताने लगा,लिखे हैं बहुत किताबें सुनाने लगा,अपने ही मुख खुद का करने लगा गुणगान,चमत्कारियों की करतूतों काहर
Read Moreखुद पर कर ले तू विश्वास,क्यों करना औरों से आस!अपना हाथ है जगन्नाथ,आशा से बढ़ती है प्यास। खोद ले अपना
Read Moreमैं सागर की नाव पुरानी,है मेरी अनबूझ कहानी,तूफानों से टकरा न पाती,संभालो मुझे हे राम-वरदानी। केवट बनकर आना प्रभु,नैय्या पार
Read Moreस्वागत है नव-वर्ष तुम्हारामंगल-बेला है अति प्यारा। नव-किरण है नव प्रभातनव-दिवस की है शुरुवात। रवि की दमकी है कांतियाँफैल रही
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