हम दो अजनबी
तुम थे अनजान मुझसेमैं था तुमसे अनजानदोनों ही थे अजनबीमैं कौन देश तुम कौन देश सेएक दिनमिले आकर इस जगहयह
Read Moreतुम थे अनजान मुझसेमैं था तुमसे अनजानदोनों ही थे अजनबीमैं कौन देश तुम कौन देश सेएक दिनमिले आकर इस जगहयह
Read Moreऐसे दौर में हैं, जहांमुस्कानें भी मुखौटे हो गईं,चुप्पियाँ भी साजिशें बुनने लगीं,जहां दोस्ती का रंग अब,पल भर में ज़हर
Read Moreरिश्ते – वो मौन स्पंदन,जो न फासलों से बंधते हैं,न ही समय की सीमाओं से,ये तो दिल की उस गहराई
Read Moreआप मानते हैं कि मैं बेवकूफ हूँअच्छा है, पर आपकी सोच का दायरा कितना छोटा है कम से कम मेरी योग्यता
Read Moreवाह रे! कलयुग तेरी माया भी कितनी अजीब है,बड़े-बड़े ज्ञानी, संत, महात्मा, विद्वान या फिर हो आज का विज्ञानकिसे समझ
Read Moreक्या आप किसी को बताना पसंद करेंगे या यूँ ही मन में गुबार सहेजें रहेंगे,आपकी नाराजगी का आधार क्या है?या मान
Read Moreमेरी लेखनी मेरा अभिमान,मैं करती इसका बहुत सम्मान, मन के भावों को लेखनी लिखती,सही गलत मतलब समझती, लेखनी हमेशा सत्य
Read Moreत्रेता में धनुष उठा था जब,जनकपुरी थर्राई थी।धरा काँपी, गगन डोला,वीरता मुस्काई थी।राम ने तोड़ा जिसको छूकर,वह धनुष, वह गर्व
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