मैं कलमकार हूँ
कोई भी संस्कृति एक लंबे समय तक अक्षुण्ण नहीं रह सकती ! अगर रह गयी, तो उनमें न चाहकर भी
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Read Moreबाहर निकलते ही महफ़िलें सजती हैं, रात कमरे में सिर्फ तन्हाइयां रहती हैं ! •••••• किसी के दीदार को तरसता
Read More‘खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जाओगे’, जिसने यह कहा है, यह सौ फीसदी झूठ है, क्योंकि जन्म और मृत्यु
Read Moreहमारा देश विडंबनाओं से भरा है, तभी तो हम बहुत कुछ ऐसा कर जाते हैं जो हमें करना नहीं चाहिए
Read Moreप्रेम किसी से भी हो सकता है, चाहे विवाहिता ही क्यों न हो ? क्योंकि प्रेम तो अपरिमेय है, यह
Read Moreउन वस्तुस्थितियों के बीच सुंदरता और साँवली- दो अलग-अलग वस्तुस्थिति नहीं है! वैसे उसे सांवली कहना उसकी सुंदरता के लिए
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