हम फिर मिलेंगे
हम फिर मिलेंगे कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हम फिर मिलेंगे …. गर बनोगे तुम आकाश मैं
Read Moreहम फिर मिलेंगे कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हम फिर मिलेंगे …. गर बनोगे तुम आकाश मैं
Read Moreमैं कवि नहीं हूँ और नाहीं कोई कविता करना जानता हूँ मैं दीपक हूँ इसीलिए सिर्फ जलना जानता हूँ |
Read Moreमन आशा की मूरत जिसका आज निराशा छाई कैसे | दिल में इतना प्यार संजोए फ़िर ये नफ़रत पाई कैसे
Read Moreमैं चाहता हूँ कि जिन्हे मैं चाहता हूँ वह सब सुखी रहें मेरे अपने रहें वह भी मुझे चाहें यह
Read Moreपेड़ों से इस धरा को सजाएँ वातावरण स्वच्छ बनाये आओ पर्यावरण बचाएं सब मिल के पेड़ लगाएं प्रदूषित कर दिया
Read Moreसबको शिक्षा पानी है, शिक्षा का अधिकार हमारा शिक्षा की ज्योति जलेगी, हर बालक बालिका पढे़गी होगा ज्ञान का खूब
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