बालगीत – चूल्हे वाली रोटी
चूल्हे वाली रोटी खाएँ। अपना तन-मन स्वस्थ बनाएँ। बनी गैस की रोटी खाता। रोग धाम तन-मन बन जाता। उदर -रोग
Read Moreचूल्हे वाली रोटी खाएँ। अपना तन-मन स्वस्थ बनाएँ। बनी गैस की रोटी खाता। रोग धाम तन-मन बन जाता। उदर -रोग
Read Moreघास- फूस का नीड़ बनाकर, मेरे घर में रहती चिड़िया, दिन में दाना चुगती चिड़िया, रात में घर आ जाती
Read Moreघिस – घिस छोटा मैं होता हूँ। मैल तुम्हारा मैं धोता हूँ।। तरह – तरह के रँग हैं मेरे। महक
Read Moreये जीवन है एक लड़ाई,इसमें होती हाथापाई। जीतोगे तो ताज मिलेगा ,हारोगे तो मिलेगी खाई। वैसे तो मिलते कम मौके,
Read Moreजो काम नही कर पायें दूसरे,वो जोकर कर जाये।सरकस मे जोकर ही,दर्शक-गण को खूब रिझाये।—नाक नुकीली, चड्ढी ढीली,लम्बी टोपी पहने,उछल-कूद
Read Moreप्यारे बच्चो! तुम्हें बताऊं, दिवाली की कथा सुनाऊं। दिया जलाकर घर सजाऊं; खुशियों का यह पर्व मनाऊं।। बहुत पहिले अवधपुरी
Read More1.बायोस्कोप आओ-आओ बायोस्कोप देखो, पंसेरी का चूहा देखो, बारह मन की धोबन देखो, पैसा फेंको, तमाशा देखो. गागर में भर
Read Moreआज मेरी बुआ की चिट्ठी आई है मोती की तरह सुंदर, उनकी लिखाई है, परिवार की हर बेटी को उन्होंने
Read More1.टेलीफोन ”हैलो-हैलो, आप हैं कौन? जल्दी बोलें, रहें न मौन, कैसे पता मुझे लग पाए, किसने किया है टेलीफोन.” ”मैं
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