बाल कविता – मंद-मंद मुस्काय रहे हैं
नन्हे-नन्हे प्यारे-प्यारे माँ के नयन के तारे बच्चे मधुर मधुर मुस्कान लिए नित घुलमिल जाते प्यारे बच्चे तपती धूप मे
Read Moreनन्हे-नन्हे प्यारे-प्यारे माँ के नयन के तारे बच्चे मधुर मधुर मुस्कान लिए नित घुलमिल जाते प्यारे बच्चे तपती धूप मे
Read Moreमैं एक छोटा सा पौधा हूँ जीवन तन मन का सौदा हूँ हरियाली नित दिन देता हूँ खुशहाली का वर देता
Read Moreदादा जी को खांसी छूटी, दादी मां की आंखे फूटी, लौकी ,तोरी में इंजेक्शन, करते बाॅडी में इंफेक्शन, साईकिल नहीं
Read Moreकूँहू कूँहू कर कोयल कूँहूके आम के डाल पर बैठे रहती कितनी प्यारी बोली इसकी सभी को मंत्रमुग्ध कर देती
Read Moreचॉद तारो का मेल है नही ये कोई खेल जब आसमां मे चॉद दिखे तारें भी संग संग छाये बच्चो
Read Moreआओ खेलें चिडिया फुदक फुदक ,कुछ कहती चिड़िया पंखों मे , दम भरती , चिड़िया मुन्ना बोला गीत सुनाओ मुन्नी
Read Moreमैं बेचारा बेबस शिशु सबके हाथों की कठपुतली मैं वह करुं जो सब चाहें कोई न समझे मैं क्या चाहूँ।
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