बाल कविता : इन्द्रधनुष के रंग निराले
इन्द्रधनुष के रंग निराले उमड़े बादल काले-काले पल में तोला, पल में माशा नभ में होता आज तमाशा कुदरत के
Read Moreइन्द्रधनुष के रंग निराले उमड़े बादल काले-काले पल में तोला, पल में माशा नभ में होता आज तमाशा कुदरत के
Read Moreकहाँ चले ओ बन्दर मामा, मामी जी को साथ लिए। इतने सुन्दर वस्त्र आपको, किसने हैं उपहार किये।। हमको ये
Read Moreएक बार की बात सुनो,जंगल में पड़ा अकाल, भूख प्यास से तड़पे सारे,हाल हुआ बेहाल, एक- एक कर ,सूखे सारे
Read Moreअबकी मानसून में कोई, कविता नहीं लिखेंगे केवल बारिश मे भीगेंगे, छप्पा – छईं करेंगे रेन कोट भी न पहनेंगे,
Read Moreफूल चीख चीख चिल्लाय सब जब तोड़ मंदिर में चढ़ाए फूल डाली झुक झुक जाय मुन्नी को देख रोज मुस्काए
Read Moreगरमी की छुट्टी का मतलब, नाना नानी के घर जाना। बिना किसी आवेदन के ही, ऊधम का परमिट मिल जाना।
Read Moreछुट्टी वाले दिन कोई नया काम करना है उसकी टेक, कोई छुट्टी बिना नए काम के जाए न फेक, इसलिए
Read Moreघर – घर में खुशियाँ फैलाएं आओ दीपावली मनाएं. सारी दुनिया जगमग कर दें, घर – आँगन में खुशियाँ भर
Read Moreदादी बूढी दादा बूढे दोनो के अब डंडे सहारे नानी बूढी नाना बूढे दोनो के ऑखो पर चश्मा लगे मै
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