बाल कहानी

बाल -कथा : पुलकित की शरारत

” टन -टन !!” घंटी बजी। यह स्कूल की आधी -छुट्टी की घंटी बजी है। सभी बच्चे अपने -अपने टिफिन लिए कक्षा से बाहर  हो लिए।  केशव , राघव , विपुल , प्रतीक और पुलकित ये पांच बच्चे जो की छठी कक्षा के छात्र हैं  और आपस में मित्र भी हैं । पुलकित इनमे से सबसे ज्यादा शरारती था। उसे […]

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बाल कहानी : चंचलू और पेड

तड़ाक ! तड़ाक ! की आवाज जंगल की शांति को भंग कर रही थी, चोटी का पसीना एड़ी से होते हुए जूते को गीला कर रहा था। इन सब बातों से बेखबर चंचलू कुल्हाड़ी चलाए जा रहा था। तभी धड़ाम की आवाज के साथ पेड़ जड़ से अलग हो ओंधे मुंह गिर पड़ा। आह भर […]

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बाल कहानी : हीरा मोती

टिंकू स्कूल से घर जा रहा था । रास्ते में उसे एक दुबली–पतली भिखारिन मिली, जिसका पेट भूख के कारण अंदर घुस गया था। साड़ी भी जगह –जगह से फटी , मैली कुचैली। उसने अपनी कमजोर सी हथेली टिंकू के सामने फैला दी। उसे देख टिंकू को बहुत दुख हुआ। उसकी समझ में नहीं आ […]

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बाल कहानी – आतंकी फँस गया चक्कर में

बहुत पहले की बात है. नागपुर के जंगल में जहरीले सांपों का एक परिवार रहा करता था. उसके मुखिया नागराज का बेटा संपोलिया बड़ा ही शरारती और उपद्रवी स्वभाव का था. वह जबसे यह जानने-समझने लायक हुआ कि सांपों के खतरनाक जहर के कारण दुनिया के सभी जीव – जन्तु उनसे बहुत डरते हैं. तबसे […]

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बालकहानी – तीन सवाल

सीतापुर गाँव में दीनू नाम का एक किसान रहा करता था I वह बहुत ही सीधा -साधा और मेहनती था I पर उसका पड़ोसी जुगनू बहुत ही चालाक एवं दुष्ट प्रवृत्ति का था I गाँव वालो को अपनी लच्छेदार बातों में फँसाता और तरह तरह की शर्त लगाता I अपनी चालाक बुद्धि से वह ऐसे […]

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बाल कहानी : ‘हर जीव जरूरी’

जंबो हाथी ने चिंघाड़ते हुए कहा-‘‘आज फैसला होकर ही रहेगा। शेर सिंह ने आज फिर हिरनों के झुण्ड पर हमला बोल दिया। हमें अपना राजा बदलना ही होगा।’’ रंभा गाय बोली-‘‘चंपकवन में जीना मुहाल हो गया है। हम अपने बच्चों की सुरक्षा क्या खाक करेंगे, जब हम सुरक्षित नहीं हैं। आज फैसला हो ही जाए। […]

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बाल कहानी : गुरु दक्षिणा -मनोहर चमोली ‘मनु’…

‘गुरु दक्षिणा’ -मनोहर चमोली ‘मनु’ ………………………………. नमन ने पूछा-‘‘मैम। ये गुरु दक्षिणा क्या होती है?’’ गीता मैडम यह सुनकर चैंकी। नमन अक्सर रोचक सवाल करता था। बात-बेबात पर कुछ न कुछ जरूर पूछता था। वह कार्टून फिल्मों का बड़ा शौकीन था। वीडियों गेम्स भी खूब खेलता था। चटोरा भी खूब था। लेकिन क्लास में वह […]

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सिर पर चाय : बाल कहानी

हर कोई लल्लन लोमड़ की चर्चा कर रहा है। लल्लन महानगर से जो आया है। एक तो वह तीन-चार दिन से लगातार साइकिल चला रहा है। साइकिल चलाते-चलाते ही खा रहा है। पानी पी रहा है। नहा रहा है। दाढ़ी बना रहा है। साइकिल पर ही अपनी दैनिक क्रियाएं कर रहा है। सभी लल्लन की […]

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‘फिर नहीं ललकारा’ : बाल कहानी

बैडी सियार को इन दिनों पहलवानी का शौक चढ़ा था। उसने अच्छी-खासी रकम देकर जंबों हाथी से पहलवान के गुर भी सीख लिए थे। जंबों हाथी ने एक दिन बैडी सियार से कहा-‘‘अब तुम अच्छे पहलवान बन गए हो। मैंने तुम्हें खास और बड़े सभी दांवपेंच सीखा दिए हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई तुम्हें आसानी से पटकनी […]

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बाल कहानी – ओढ़ ली रजाई

वसंत आया। चींटी के बच्चों ने कहा-‘‘मम्मी! हम कब तक अंधेरे में रहेंगे? हमें दुनिया देखनी है।’’ चींटी ने डाॅटते हुए कहा-‘‘चुप रहो। अभी तुम बच्चे हो। जब बड़े हो जाओगे, तब जाना।’’ एक बच्चे ने पूछा-‘‘माँ। हम बड़े कब होंगे?’’ चींटी ने कहा-‘‘अभी सो जाओ।’’ चींटी लोरी सुनाने लगी। बच्चे लोरी सुनकर सो गए। […]