टीस
क्या हुआ मानसी? सब अंदर है और तुम घर के पीछे क्यों खड़ी हो? इतना कहना था कि वह फूट-फूट
Read Moreराधिका अपने सुशील व्यवहार, मृदुल वाणी से सबकी चहेती थी। माता-पिता की आंख का तारा। दादी मंगला जी को उसका
Read Moreलघुकथाअर्धांगिनीवह करवा चौथ का दिन था। सुनीता का शरीर बुखार से तप रहा था। पूरा शरीर दर्द से टूट रहा
Read Moreखुशियों वाली दिवाली “सुनो न, कुछ दिन पहले ही तुम कह रही थी कि अपना मिक्सर ग्राइंडर चेंज करना है,
Read Moreतुमको बात का करने का कोई तरीका ही नहीं आता, कुछ भी बोल देते हो। जरा सोच लिया करो,कि जो
Read Moreराघव अपनी पुत्री ऋचा के युवा होने पर उसके लिए एक उपयुक्त वर की तलाश कर रहा था। उसने कई
Read Moreआज पिताजी की साइकिल मुझे बहुत याद आ रही है| पिताजी की याद तो रोज़ ही आ जाती है जब
Read Moreसुखिया कुम्हारिन अपने बनाये माटी के दियों के संग बैठी बाजार में चिल्ला रही थी।”दस रुपए के दस दिये ले
Read More“भैया थोड़ी तेज़ चलाओ”- शालू कैब चालक को निर्देश दे रही थी। बहुत जल्दी में थी वो आज। मायके से
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