लघुकथा – पति नहीं राष्ट्रपति
राघव अपनी पुत्री ऋचा के युवा होने पर उसके लिए एक उपयुक्त वर की तलाश कर रहा था। उसने कई
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Read Moreआज पिताजी की साइकिल मुझे बहुत याद आ रही है| पिताजी की याद तो रोज़ ही आ जाती है जब
Read Moreसुखिया कुम्हारिन अपने बनाये माटी के दियों के संग बैठी बाजार में चिल्ला रही थी।”दस रुपए के दस दिये ले
Read More“भैया थोड़ी तेज़ चलाओ”- शालू कैब चालक को निर्देश दे रही थी। बहुत जल्दी में थी वो आज। मायके से
Read Moreजीवन में कुछ घटनाएं अमिट होती हैं, जिन्हें हम अपने अंतः में समेटे रहते हैं। वार्तालाप के माध्यम से या
Read Moreपंडित बैजनाथ जी हर साल की तरह आज दशहरे का प्रोग्राम देख कर घर आये। रावण दहन को वोह शुरू
Read More“इस साल भी दिवाली की खुशी नसीब नहीं है! लोगों की आस्था कम हो गई है अपने धर्म पर,सिर्फ दिखावा
Read Moreजैसे ईश्वर ने ये दुनिया बनाई, इन्सानों को बनाया, उसी तरह सभी प्रकार के भाव स्वभाव आचार विचार और पृवत्तियां
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