ग़ज़ल
खुद को खुद में पाकर देखो ।मुझको गले लगा कर देखो।सारी दुनिया याद करेगी,संघर्षों में आकर देखो।हक कितना रखते हो
Read Moreदर्द का हद से गुजर जाना दवा बन जाता है!समय के बाद मिला दवा जहर बन जाता है!! जुर्म का
Read Moreईश्क में कत्ल अब आम हो रहाहर रोज यहाँ कोई बदनाम हो रहा आसमान तक पतंग डोर संग गयीशाम की
Read Moreमुद्दतें गुज़रीं एक लम्हा नहीं गुज़रा ।चला गया वो रेत पर घरोंदे बनाकर । वो बिछड़ा तो मैं किसी दर
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