बासी हवा महकने लगती
खिड़की खुलतीजब अतीत कीबासी हवा महकने लगती। कंचा-गोलीआँख मिचौलीकागज की वह नाव चली।ग्रामोफोनरेडियो बजतेयहाँ वहाँ पर गली- गली।। ऊँची कूदकब्बड्डी
Read Moreखिड़की खुलतीजब अतीत कीबासी हवा महकने लगती। कंचा-गोलीआँख मिचौलीकागज की वह नाव चली।ग्रामोफोनरेडियो बजतेयहाँ वहाँ पर गली- गली।। ऊँची कूदकब्बड्डी
Read Moreरीझ गया है कोकिल का मन।देख लिया कुसुमाकर – दर्पन।। कुहू – कुहू की टेर लगाती।विरहिन के उर पीर जगाती।।बहती
Read Moreलोक फेल है, तन्त्र फेल है, कल पुर्जे और यन्त्र फेल हैं, स्वागत है गणतंत्र में अपने, बड़े बड़े यहाँ
Read Moreनारी तू नारायणी, तू आधार जगत का है, वरदान है तू वरदायनी, नारी तू नारायणी। . नारी तू नारायणी, तुझसे
Read Moreराम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं। राम आए
Read Moreफागुन आया मस्ती लाया, ऋतु आई है प्यार की। आजा साजन होली खेलें, प्रेम रंग इजहार की। मौसम है अलबेला
Read Moreन मैडम के, न सर जी के हम मालिक अपनी मर्जी के। ज्यादा की कोई चाह नहीं, इसलिए कोई परवाह नहीं
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