मुक्तक
मुक्तकछंद तो शब्द की एक है श्रृंखला।शब्द टाँगों नहीं भाव की अर्गला।कर सके ग्राह्य पाठक जिसे है वही,काव्य संदेश रंजक
Read Moreप्रेम रखे हैं जो यहां, उसका है सत्कार उसकी प्रतिभा का मिले, देखो ये आधार जो आदमी रहे यहां, बनकरके
Read Moreप्रदूषित जल, वायु, प्रकृति, पर्यावरण, मन, आचार-विचार, कुसंस्कार दूषण, प्रदूषण मुक्त, निर्मल हो सकल संसार, मानवता भावना, होगा जीवन कल्याण।।
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