मैं मजदूर हूं
मैं जग का हूं मजदूर,कष्ट सहूं दिन रात। हाथों में छाले पड़े, टूट रही है गात।।१ बच्चे रोते दूध को,मिलती
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Read Moreअर्थ के भी अर्थ का, अर्थ समझना चाहिए, अच्छे और बुरे का, फ़र्क़ समझना चाहिए। मुफ़्त के अर्थ से, निकृष्ट
Read Moreसंत ज्ञान, तप, योग से, रचते जीवन-सार। राह दिखा, आलोक दें, परे करें अँधियार।। संत नित्य ही निष्कलुष, सदा आचरण
Read Moreराह के कंटक दूर हटाती माँ आंचल में फूल खिलाती माँ । तपती धूप में राहत देती है छाया बरगद
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