तीन हाइकु
1 बसंत ऋतु खिले प्रणय पुष्प दिल मचला। 2 प्रेम की भाषा आँखें हुई चंचल निंदिया
Read Moreस्वरकोकिला मां सरस्वती पुत्री कंठ भारती। ++ संघर्ष भरा जीवन था जिसका निखरा सोना। ++ हार न मानी हृदयनाथ लाड़ली
Read More1. पीली सरसों आया है ऋतुराज ख़ूब वो खिली। 2. ज्ञान की चाह है वसन्त पंचमी अर्चन करो। 3. पावस
Read Moreसत्य असत्य पर भारी पड़ता कलयुग है। ***** सत्य जीतेगा असत्य तो हारेगा मुमकिन है। ***** कष्ट सहता सत्य असत्य
Read Moreविजयपर्व है विजयदशमी जीत सको तो ***** रावण भला मरता कब कहाँ बताओ भला। ***** अकेला था वो और अब
Read Moreमाँ तुम जैसा स्नेह-ममत्व पाऊँ, कहाँ जग में । —— कभी बनती, गौरी कभी काली सी, माँ कल्याण को ।
Read More