दीवार – ए- जिंदगी
यह कैसी बेवकूफी है,हमें समझ में नहीं आता है।एक महफ़िल की शान था मैं,एक दीवार आज़ टूटा है फिर आज़,लोगों
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Read Moreटूट गया स्वप्न,नींद जैसे खुलीअब नया करने की नई राह मिली,यह नया दौर है नये संकल्पों का तभी तो नई
Read Moreबने विजेता वह सदा, ऐसा मुझे यक़ीन।आँखों में आकाश हो, पांवों तले ज़मीन॥ तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात।धुन
Read Moreलम्हे जो बीत गए,जन्नत की जगह थी।पास ही है आज भी,दिल में बसी हुई खुशियां और सुकून देने वाली ताकत
Read Moreपल-पल खेल निराले हो,आँखों में सपने पाले हो।नए साल का सूर्योदय यह,खुशियों के लिए उजाले हो॥ मानवता का संदेश फैलाते,मस्जिद
Read Moreअखण्ड भारत का मतलब, क्या कचरा घर लायेंगे,आतंकी और गुण्डों को, घर में कैसे हम सह पायेंगे?एक पाक को झेल
Read Moreवो आया,पानी मांगा,फिर रोटी मांगा,रात भर रहने देने कीइजाजत मांगी,इजाजत मिली,पानी मिला,रोटी मिली,रात भर सोने के लिएजगह मिला,बिछाने के लिए
Read Moreशांति, सौम्यता, सौहार्द का सुंदर तिलक कर भाल,आओ जगाएं दिलों में प्रेम अग्नि की दिव्य मशाल,करें स्वागत वर्ष 2025 का
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