किरदार
किरदार निभा रही है,हमेशा कोशिश करते हुए यहां।ज्ञात हो जाती है कि,मौसम है कैसी यहां। इसकी वजह से ही हिम्मत
Read Moreसब बैठे हैं कुछ न कुछ लिखने को,इसे होड़ न समझिए कि कर रहेएक दूजे से अच्छा दिखने को,कोई लिख
Read Moreलूट के बाजार में,आज गजब हो गयालूटने वाली सालियाँ,सबको सीख दे गयाथी जूता रस्म की छिपाईखुले महफ़िल से चुराईमन में
Read Moreपलास तुम मन भावन से कितने सुंदर लगते हो।प्यारी आभा तुम्हारी धीरे धीरे तुम सज जाते हो।देख के तुम को
Read Moreएक पुरुष है,वह पीता नही हैपर एक पिता हैदो बच्चे केजिसे बिस्तर में छोड़ चली गयी थीएक अभागीशिशुओं के प्रेम
Read Moreयही एक कटू सत्य है,सही हकीकत है,मुश्किल वक्त में,इसकी वजह से ही,मिट्टी की बढ़ जाती ताक़त है,इससे बढ़ जाती अहमियत
Read Moreदेखो कैसा मुमालिक ये,फर्ज को भुला बैठा हैबन बैठा जज या पीठाधीश,काम क्या खुद का भूल गयाकहते जो खुद को
Read Moreमैंने बहुत सोचाबहुत समझामन भरमाया …मन के चंगुल में फंससुख -शांति को ग्रहण लगाया । बुद्धि विवेक को लगा जंगभांति
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