देश और समाज को अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले आदर्श महापुरुष ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द
ओ३म् महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश में जिस प्राचीन वैदिक कालीन गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति का विवरण प्रस्तुत किया था उसे साकार
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Read Moreओ३म् मनुष्य की आत्मा अनादि, नित्य, अविनाशी एवं अमर है। एकदेशी होने से यह अल्पज्ञ है। हमें नहीं पता कि
Read Moreआज छठ पर्व है। सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया
Read Moreओ३म् वैदिक मान्यता के अनुसार मनुष्य जीवन चार आश्रमों में विभाजित है। ये आश्रम हैं ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास।
Read Moreस्वामी विद्यानन्द सरस्वती आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान थे। आपका जीवन अनुकरणीय था। आपने अपनी आत्मकथा ‘‘खट्टी मीठी यादें”
Read Moreओ३म् हम इस विश्व के अनेकानेक प्राणियों में से एक प्राणी हैं। यह विश्व जिसमें असंख्य सूर्य, पृथिवी व चन्द्र
Read Moreस्वस्तिक चिन्ह भारतीय संस्कृति में हिन्दू धर्म का मंगल प्रतीक है। इसे सातिया भी बोला जाता है। यह हमारे महान ऋषि
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि
Read Moreओ३म् संसार भौतिक प्रगति करते हुए प्रतिदिन नई-नई खोजें कर रहा है और मनुष्य जीवन को सुखी व सुविधाओं से
Read Moreबक्सर से समाचार मिला है। 28 अक्टूबर को कुछ भ्रमित लोगों ने महिषासुर शहादत दिवस का आयोजन प्रशासन की अनुमति
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