संसार ने सर्वप्रथम कैसे जाना ईश्वर व जीवात्मा का अस्तित्व
ओ३म् आज विश्व का अधिकांश व बहुत बड़ा भाग ईश्वर एवं जीवात्मा के अस्तित्व को स्वीकार करता है। प्रश्न होता
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Read Moreओ३म् दो शब्द आस्तिक व नास्तिक का बहुधा प्रयोग होता है। मोटे रूप से आस्तिक ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास
Read Moreओ३म् दो पैर, दो हाथ तथा बुद्धि से सम्पन्न प्राणी को मनुष्य कह सकते हैं। पशुओं में प्रायः सबके पास
Read Moreओ३म् मनुष्य जीवन हो या पशु-पक्षियों का जीवन, सभी का जीवन, जीवन व मृत्यु के पाश में बन्धा व फंसा
Read Moreओ३म् मनुष्य के जन्म के बाद जब वह कुछ दिनों के बाद कुछ कुछ जानना व समझना आरम्भ कर देता
Read Moreओ३म् हमारे शास्त्रकार यज्ञ को श्रेष्ठतम कर्म घोषित करते हैं। इसे जानने का हमें प्रयास करना चाहिये। हम भी अपनी
Read Moreओ३म् उपासना क्या है? उपासना किसी के पास बैठने को कहते हैं। सर्वोत्तम उपासना सृष्टिकर्त्ता ईश्वर के पास बैठना है।
Read Moreहमारा देश संस्कृति औऱ सभ्यता प्रधान देश है। जिसमें अनेक त्यौहार ऐसे गूथे हुए हैं, जैसे कि किसी माला में
Read Moreसनातन प्राचीन आर्य वैदिक संस्कृति के अनुसार नित्यकर्म बतलाये गये हैं। जिन्हें सभी गृहस्थ, प्रतिदिन किया करें, धनी हो या
Read Moreउग्रोऽर्चिता दिवमारोह सूर्य (अथर्व 19.65.1) अर्थात् हे सूर्य समान तेजस्वी मनुष्य तू अपने तेज के साथ उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर
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