हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का मिले अधिकार*
भाषा मानव सभ्यता की जननी है। भाषा के बिना मानव अधुरा है। भाषा के बिना मानव का विकास संभव नहीं
Read Moreभाषा मानव सभ्यता की जननी है। भाषा के बिना मानव अधुरा है। भाषा के बिना मानव का विकास संभव नहीं
Read Moreआज हर क्षेत्र में हम बढ़ रहे हैं, किन्तु चरित्र के मामले गिरते जा रहे हैं। आज पढ़े-लिखे ही नित
Read Moreअगर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के मुक्तक रचना की बात करें तो साहित्य क्षेत्र में मुक्तक सम्राट राम कैलाश पाल प्रयागी
Read Moreभाषा से ही एक राष्ट्र, साहित्य, समाज और संस्कृति और संस्कार का पता चलता है। भाषा इंसान की संजीवनी। इसलिए
Read More“साहित्य में समाज प्रतिबिंबित होता है। तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुरूप ही किसी काल के साहित्य
Read Moreउत्पन्ना द्राविडेचाहं कर्नाटे वृद्धिमागता।स्थिता किन्चिन्महाराष्ट्रे गुर्जरे जीर्णामता।।अर्थात् “श्रीमद्भागवत” में व्यास महर्षि ने भक्ति के मुख से यह कहलवाया है कि
Read Moreमेरा मानना है कि लोकमंगल का आशय हर उस क्षेत्र के मंगल यानी खुशहाली और समृद्धि से है, जिसका हमसे
Read Moreहिंदी भारत की राष्ट्र भाषा होने के साथ जनभाषा भी है। यही वह भाषा है जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक
Read Moreवैश्विक स्तरपर यह सर्वविदित है कि भारत आदि अनादि काल से संस्कृत,साहित्य आध्यात्मिकता का गढ़ रहा है, जो हम हमें
Read Moreहम सब हिंदी दिवस की औपचारिकता तोयूं ही निभाते रहेंगे,हिंदी बोलने, हिंदी लिखने की औपचारिकताबस हिंदी दिवस पर ही निभाएंगे।चौदह
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