वर्ण व्यवस्था, जन्मना जाति व्यवस्था और महर्षि दयानन्द
ओ३म् महर्षि दयानन्द अपने समय के प्रमुख समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने समय में जन्मना जातिवाद का विरोध किया था
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Read Moreओ३म् आर्य समाज की स्थापना गुजरात में जन्में स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई नगरी
Read Moreॐ विश्व हिन्दी दिवस व हिन्दी पखवाड़ा के अवसर पर यह पोस्ट सभी के टाईमलाईन पर होना चाहीए ! यदि
Read Moreओ३म् वैदिक जीवन चार आश्रम और चार वर्णों पर केन्द्रित व्यवस्था व प्रणाली है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास यह
Read Moreओ३म् भारतवर्ष के इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने पराधीन भारत में सबसे पहले राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता
Read Moreआज ये सवाल हर इंसान के दिल में उठता है की आज लोग इतने मतलबी क्यूँ हो गए है ?
Read Moreओ३म् शिक्षा देने व विद्यार्थियों को शिक्षित करने से अध्यापक को शिक्षक व शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिष्य
Read More‘बधाई’ और ‘शुभकामनायें’ ये दो ऐसे शब्द हैं जिनका अधिकांश लोग उपयोग करते हैं। कई बार इनका उपयोग एक-दूसरे के
Read Moreमनुष्य के जीवन को पूर्णरूपेण सुख- सम्पन्नतामय बनाने के लिए आर्थिकीय दृष्टि सदैव पर्याप्त नहीं हुआ करती है। कदाचित् इसका
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