खट्टा-मीठा: हाय रे हाय मैंने देखा…
एयरकंडीशंड डिब्बों में हजारों किलोमीटर की ‘पैदल’ यात्रा करके मैं कश्मीर पहुँचा। वही कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता
Read Moreएयरकंडीशंड डिब्बों में हजारों किलोमीटर की ‘पैदल’ यात्रा करके मैं कश्मीर पहुँचा। वही कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता
Read Moreदिल दिया है जां भी देगें ऐ वतन तेरे लिए। ऐसे गाने अकसर किसी राष्ट्रीय दिवस पर बजते हैं। आज
Read Moreधड़ल्ले से कवियों के सम्मेलन हो रहे हैं और बराबर होते भी रहेंगे।कवि हैं,तो उनके सम्मेलन तो होंगे ही।ये अखिल
Read Moreनिंदक औऱ निंदा समाज के आवश्यक तत्त्व हैं। इनके बिना समाज में गति नहीं आती। इसीलिए महात्मा कबीरदास ने सैकड़ों
Read Moreवर्तमान युग की भागम भाग और संघर्षों से भरी ज़िन्दगी में जहां लोगों के पास अपनों की तो छोड़िए,अपने लिए
Read Moreउनको भाषण देने का शौक है। कोई मौका हो या न हो, पर वे भाषण जरूर देते हैं। वे प्रायः
Read Moreइस असार संसार में एक मात्र निर्मल प्राणी यदि कोई है, तो वह मनुष्य ही हो सकता है।इस बात को
Read Moreछब्बीस जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस। ठीक वैसे ही जैसे पाँच महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता
Read Moreगालियाँ हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह ऐसी देव विद्या है जिसे जिज्ञासु, बिना किसी गुरुकुल, विद्यालय-विश्वविद्यालय में गए आत्म-प्रेरणा से
Read Moreउस दिन लखनऊ में एलडीए के गोल मार्केट से पत्नी को खरीददारी कराकर वापस आ रहा था। मैंने लाल रंग
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