व्यंग्य : क्या यही होती है रीढ़विहीनता की स्थिति
“और कितना इंतजार करवायेंगे,यदि साहब की दूसरी मीटिंग थी तो इसे पोस्पोंड कर देना था ,” चोपड़ा साहब ने नाराजगी
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Read Moreअब क्या कहूं कबीरदास जी को। खुद तो जो कुछ भुगतना था, भुगता और चले गए। लेकिन दूसरे लोगों के लिए
Read Moreएकदम अच्छी बात करने का मन कर रहा है, मतलब नो आलोचना… नो कमेंट..और नो राजनीतिक बातें… हाँ तो पहला
Read Moreआजकल गली में कुत्ते बहुत भौंक रहे है। और हमें देख चौंक रहे है। वैसी ही बिलकुल जैसे कोई बेईमान नेता
Read Moreमैंने लिखने का काम लगभग सन्ï २००४ से शुरू किया था। तब मैने छोटे-छोटे लेख एवं कविताएं लिखना शुरू किया
Read Moreसब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी
Read Moreआज उसे अपने गॉडफादर से मिलना था…असल में, यह उसके गॉडफादर ही थे जिनके कारण वह मनचाही जगह पर तैनाती
Read Moreचिन्दी चिन्दी दिन गुजरा चिन्दी चिन्दी रात गयी चिन्दी चिन्दी हिंदी में चिन्दी चिन्दी बात गयी । हमारे देश में
Read Moreज्योतिराव फुले द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द दलित आज राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है या यूँ कहूँ की ये
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