संजीव-नी
धन बल कुछ काम न आएगा, न रखोगे संयम सब चला जायेगा, ऋषि मुनि बड़े बूढ़े कह गए, आत्मबल,विवेक से
Read Moreसुबह-सुबह उंघ रहे थे एक आवाज कानों से टकराई। कितना सोते हो आजकल देखो कितनी धूप निकल आई। कुछ फिक्र
Read Moreहिंदुस्तान मजे मे है क्या हुआ यदि देश मे अस्थिरता है , है क्या हुआ यदि देश मे अराजकता है,
Read Moreतुम्हारा मुझे एक टक निहारना मुझें बहुत याद आता है , तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना , मुझें
Read Moreहमारे क्षेत्र में ऐसे भी लोग हैं, जिसे दबंगीयत, अहंकार और रुपये की गर्मी है और इसी गर्मी से उन्होंने
Read Moreडे-नाईट मैच जाड़े मौसम में नहीं होनी चाहिए, टेस्ट क्रिकेट तो बिल्कुल नहीं ! अत्यधिक गर्मी और तेज धूप के
Read Moreस्त्री-पुरूष के प्रेम में वस्तुत: प्रेम तो औरत ही करती है, पुरुष तो प्रेम का भोग करता है । पुरुष
Read Moreतन का प्रेम ‘वासना’ है और मन का प्रेम ‘बौखलाहट’ ! आप भी अपनी पत्नी को प्रेम नहीं, बल्कि ‘वासना’
Read Moreनारी तो ‘माँ’ का अद्भुत रूप होती है, जिन्हें परिभाषित नहीं की जा सकती ! ‘बहन’ और ‘बेटी’ तो पुरुष
Read Moreओ३म् मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी होता है। इसका कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, अणु परिमाण, इच्छा व द्वेष आदि से युक्त
Read More