कुंडलिया
“कुंडलिया” बंसी मेरे बीच में, क्यों आती है बोल कान्हा की परछाइयाँ, घूम रही मैं गोल घूम रही मैं गोल,
Read Moreअहंकारों की अनंत आँधी में, विचरती विकारों की व्याधि में; उड़े कितने ही व्यथाएँ पाते, स्थिति अपनी कहाँ लख पाते
Read Moreसब की बोलती बंद है इन दिनों, वक़्त बोल रहा है .. बड़ी ही ख़ामोशी से कोई बहस नहीं, ना
Read Moreआज गुरु को हटा रहे हो; कल आपके चेले आपको हटाएंगे ! गरीबी हटाओ, इंदिरा हटाओ, कांग्रेस हटाओ, लालू हटाओ,
Read More‘भारतीय संस्कृति’ रहस्यवादी है, तो स्पष्टवादिता लिए ! सम्पूर्ण दुनिया में ‘भारतीय सभ्यता और संस्कृति’ की अक्षुण्ण रहस्यवादिता को विदेशी
Read More525वीं सरकारी स्तर की परीक्षाएं दे दी। आर एच आर यूके के अनुसार, यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है । अबतक इतनी
Read Moreनेपाल छोटा भाई नहीं, वो तो समधी है ! जनकपुर अगर नेपालवाला है, तो माता सीता की भूमि है और
Read Moreमृत्यु भी नृत्य है, मृत्यु तो जीवन है नहीं ! शिव के तांडव नृत्य के बाद मृत्यु तय है !
Read Moreजीवन पथ पर, पथिक है चलना।राह में राही, सबसे है मिलना।पथिक तो आते, जाते रहते,रूकना नहीं, है अविरल चलना। आधा
Read Moreघूमते शब्द कानन में उन्मुक्त से,जान पाये नहीं प्रीत का व्याकरण।बस दिशाहीन सी चल रही लेखिनीकण्टकाकीर्ण पथ नापते हैं चरण।।—ताल
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