कविता

मेले में कुम्हार के बच्चे

मेले में कुम्हार के बच्चे…. जांता-चकरी, सकोरे, साधू-संन्यासी, वकील, मसकबाजेवाले, बकरी-खिलौने…. बिके तो ‘जिलेबी’ खाएंगे, दोनों भाई-बहन…. चाचा नेहरू ने

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