जहाँ अच्छा है सब कुछ
एक दुनिया इसी दुनिया में पर इससे बेहतर जहाँ गम कम है जहाँ लोग कम हैं और जो कम लोग
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Read Moreएक तरस जो ख्वाबों में जीकर बर्बाद किये वक्त अनजान थे कितने जिंदगी की इस उठा-पटक से या एक घृणा
Read Moreतुम्हें प्रिय नहीं लिखूँगी क्युंकी तुम तो सबसे प्रिय हो मुझे!!! जीवनसाथी आनंद(आनी), हैपी बर्थडे,तुम जीयो हज़ारों साल,साल के दिन
Read Moreआतप,ताप भरा भू,अम्बर, विकट रूप ग्रीष्म ऋतु आयी । रुद्र रूप दिनकर ने धारा,देह तपी धरणी अकुलायी । जेठ मास
Read Moreहिंदी जासूसी उपन्यासकारों में प्रमुख स्तम्भ वेदप्रकाश शर्मा नहीं रहे। हालाँकि वे पॉकेट बुक्स व लुगदी साहित्य के पुरोधा थे,
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