लघुकथा

मेरे जीवनसाथी – तुम हो तो में हूँ!!

तुम्हें प्रिय नहीं लिखूँगी क्युंकी तुम तो सबसे प्रिय हो मुझे!!! जीवनसाथी आनंद(आनी), हैपी बर्थडे,तुम जीयो हज़ारों साल,साल के दिन

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भाषा-साहित्यलेख

पॉकेट बुक्स, जासूसी उपन्यास और वेदप्रकाश शर्मा

हिंदी जासूसी उपन्यासकारों में प्रमुख स्तम्भ वेदप्रकाश शर्मा नहीं रहे। हालाँकि वे पॉकेट बुक्स व लुगदी साहित्य के पुरोधा थे,

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