सवैया – न दिया न दिया सब लोग कहें
अपने – अपने सब लोग कहें, अपनों न दिखौ सिगरे जग माहीं। सब स्वारथ लागि जुहार करें, बस पेड़ ही
Read Moreअपने – अपने सब लोग कहें, अपनों न दिखौ सिगरे जग माहीं। सब स्वारथ लागि जुहार करें, बस पेड़ ही
Read Moreखलीफत-समर्थन से शुरू हुई अवसरवादी राजनीति की ही परिणति 1947 ई. का देश-विभाजन था। इस की सैद्धांतिक स्वीकृति गाँधीजी ने
Read Moreओ३म् महात्मा वेदभिक्षु जी ऋषि दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में से एक थे। आपने वेद प्रचार के क्षेत्र में प्रशंसनीय
Read Moreओ३म् अविद्या, अज्ञान व अन्धविश्वास ये सभी शब्द व इनसे उत्पन्न धार्मिक व सामाजिक प्रथायें परस्पर पूरक व एक दूसरे
Read Moreओ३म् मनुष्य व समाज की उन्नति आर्यसमाज में जाने व आर्यसमाज के प्रचार के कार्यों से होती है। आर्यसमाज का
Read Moreसड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा यह ज्ञान है सच्चा आपाधापी, जल्दी-सल्दी करना मत ड्राइविंग के समय ख्वाबों में, ख्यालों में
Read Moreसारा ब्रह्मांड समाया है पिता श्री के हस्त में कितना सार अवलंबित है विधिस्मंत इस तथ्य में। जिसने भी कहा
Read More