बेटी और तलवार
हाथों में तलवार थाम लो बेटियो अब तुमको खुद ही लड़ना होगा, मित्र भी अपने शत्रु भी अपने इनसे तुम्हे
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Read Moreनोटबंदी का दुःखदाई माहौल चल रहा था. जिनके पास खरीदारी के लिए वाजिब धन का अभाव था, वे तो नोट
Read Moreसुबह से घर में बवाल मचा हुआ था। माँ के सन्दूक से सारे गहने किसी ने निकाल लिए थे। घर
Read Moreयुद्ध पिपासु देश अन्तत : नष्ट हो जाते हैं और शान्ति और साहचर्य से रहने वाले देश सांस्कृतिक, साहित्यिक और
Read Moreतुम सुर में बसी उनकी झलक, लख लिया करो; आओ न आओ उनकी ग़ज़ल, गा लिया करो ! दरम्यान उनके
Read Moreसमझदारी इसी में है कि हम लक़ीर के फ़कीर बने रहें। इससे सबसे पहला और बड़ा लाभ ये है कि
Read Moreअंधकार से प्रकाश की ओर जाना है, अन्तस् के तमस को मिटाना है, सद -भावनाओं के दिये भुवन भर में
Read Moreजब तक उर में रहे अँधेरा, दीप जलाने से क्या होगा! कुटिया-कुटिया हई न रौशन, महल सजाने से क्या होगा
Read Moreदीपावली की सफाई के साथ ही बच्चों की अधिक से अधिक पटाखे लेने की फरमाइश बढती जा रही थी।घर सफाई
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