~इंसानियत जगा रहे~
हमें हैरान-परेशान देख एक व्यक्ति ने हमसे पूछा क्या खोज रही है आप हमने कहा ही था कि इंसानियत वह
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Read Moreओ३म् महाभारत के एक अंग भगवद्-गीता के दूसरे अध्याय में जन्म व मृत्यु विषयक वैदिक सिद्धान्त को बहुत सरल व
Read Moreबिना एक बूँद गिराए पन्नियों में पलटते दूध पर उसकी बराबर नज़र थी। कहीं मिट्ठू चूँके तो उसे अच्छे से
Read Moreमैं तो देखने गई थी तमाशा पर अब खुद ही तमाशा बनी हूँ। कभी था दिया, राह के रोड़े को
Read Moreओ३म् हमारे एक मित्र श्री दौलत सिंह राणा देहरादून के रैफेल होम की कुष्ठ रोगियों की कालोनी शिवसदन में अपने
Read Moreओ३म् —जिसकी कीर्ति है वह मरता नहीं सदैव जीवित रहता है— वेद-वेदांग, व्याकरण के पण्डित, कर्मयोगी, तपस्वी, वयोवृद्ध विद्वान, आदर्श
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