डूबी शाम
कह रही हमसे ये तनहाई मे डूबी शाम छलकने दे आंखों से अश्कों के भरे जाम बड़ी ग़मज़दा हयात है
Read Moreबंगलौर, 3 सितंबर, 2019। यहाँ जयनगर स्थित मानंदी संस्कृति सदन में आयोजित भव्य समारोह में प्रसिद्ध कवि एवं लेखक ज्ञानचंद मर्मज्ञ
Read Moreजो वक़्त की बिसात पे तू हौसले बिछाएगा फ़लक नही है दूर फिर सितारे तोड़ लाएगा आँधियों के वेग में
Read Moreक्यों माई मुझे अब बुलाती नहीं है क्या तुझको मेरी याद आती नहीं है बड़ी बेरहम है शहर की ये दुनिया
Read Moreबदल गये चेहरे लोगों के बढ़ती गई गलतफहमियाँ लड़के की चाल मतवाली कानों में पहने बालियाँ लडकियों ने लगाई बुलेट
Read More01- वे- राष्ट्र भाषा के सच्चे प्रचारक हैं इसीलिए अपने बच्चों को कान्वेंट से लेकर आ रहे हैं। 02- उनका
Read Moreगरीबी से बढ़कर सज़ा ही नहीं है सुकूँ चार पल को मिला ही नहीं है कहाँ ले के जाऊँ मैं
Read More1.A nice massage written on a balloon Which was flying high up in the sky- ”It is not what is
Read Moreजय विजय के रचनाकार सुपरिचित कुंडलियाकार एवं साहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाओं को XSEED Education की पाठ्य-पुस्तकों में सम्मिलित
Read Moreतेरी निगाहों की तपिश पाकर, मोम बनकर पिघल जाती हूं मैं। तेरी बाहों के आगोश में आकर, खुशबू से बिखर
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